साँवरे पिया सुनाओ बाँसुरिया ,
मै तो भई तेरी बावरिया....
दिन-रैन म्हारी अँखियाँ राह निहारें,
कब आओगे श्याम साँवरे
बनूं मैं कभी ते...री राधे-रानी,
तोहे ऐसे रंग में दूँगी रंग रे
बंसी-बट पर जो तू राह निहारे,
तब जानेगा मेरी प्रीत के सारे रंग
ना भागी आऊँगी तोरी बाँसुरी सुन,
तब जानेगा सारे भेद विरह के
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